Monday, 28 January 2019

की ज़िंदगी अब दाव पे है,

दूसरों में ढूंढती फिरती हो,
जाने छाओ क्यों,

खो गयी हो इस भीड़ मे,
उलझे सवाल सी क्यों,

की ज़िंदगी अब दाव पे है,
खुद के सपने जो जिए तो उधर भी क्यों!! 

तेरे जाने से,

रुक गयी है दिन रात वही,
एक दर्द रह गया है तेरे जाने से,
यु तो कुछ था नहीं दरम्यान,
पर सब कुछ साथ गया तेरे जाने से!!



दोस्त पुराने ( Old Friends)


दूर जायेंगे जब ये दोस्त पुराने,
रूठ जायेंगे जब रिश्ते और जमाने सारे,
तब याद आएंगे बस अपने ही साये,
खुद के साथ ही तय करने है ये सफ़र सारे!!


Image courtesy : Painting by Igor Shulman