Poems by Mamta Sharma
Sunday, 12 May 2019
तुमसे जो बार बार मुहब्बत हुई है,
तुमसे जो बार बार मुहब्बत हुई है,
मत पूछ मेरी क्या हालत हुई है,
चुप हो जाती हूँ अक्सर तुझे चुप देख कर,
मत पूछ मेरे शब्दों पे कोनसी हरारत हुई है,
अब पा जाना ही बेहतर है,
मत पुछ तुझे खो के मेरी क्या हालत हुई है!!
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