Poems by Mamta Sharma
Monday, 20 May 2019
खुद को किसी से आज़ाद किया!!
कुछ रिश्ते जो निभाने थे,
अब टूट रहे है,
एकाध जो दोस्त बनाए थे,
अब छूट रहे है,
खुद को भी यू आबाद किया,
किसी को खुद से,
खुद को किसी से आज़ाद किया!!
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