Poems by Mamta Sharma
Monday, 13 May 2019
तेरी याद मेरे संग पाँव पाँव चली,
तेरे गाँव मेरे शहर जब जब चली,
तेरी याद मेरे संग पाँव पाँव चली,
घर से अकेले निकली तो तजुर्बा हुआ,
वो छाँव भी क्या जो तेरे बगैर धूप सी गुज़री!!
Painting by Taechong
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Comments (Atom)