Poems by Mamta Sharma
Wednesday, 22 May 2019
है बीमारिया बहुत आजकल हम में,
है बीमारिया बहुत आजकल हम में,
जाने कोई मरीज है की वक़्त ये उल्फ़त है,
तू कोई हवा है कि कहर है,
हम तो यु ही पूछ बैठे है,
तू कोई हवा है कि कहर है,
तुझ में मेरा जैसा दिल है की नहीं है
ये चर्चा आजकल जोरों पर है,
तुझ में मेरा जैसा दिल है की नहीं है
Monday, 20 May 2019
खुद को किसी से आज़ाद किया!!
कुछ रिश्ते जो निभाने थे,
अब टूट रहे है,
एकाध जो दोस्त बनाए थे,
अब छूट रहे है,
खुद को भी यू आबाद किया,
किसी को खुद से,
खुद को किसी से आज़ाद किया!!
Saturday, 18 May 2019
चाँद का रंग आज जो सुर्ख लाल है
चाँद का रंग आज जो सुर्ख लाल है,
खुद पे खुद का चढ़ा रंग ही बेमिसाल है,
Thursday, 16 May 2019
सब ने सब को यु ही बेकदर कर छोड़ा!!,
क्या बतायें,
किसने किस को कब कहा क्यों छोड़ा,
बस इतना सा हिसाब है,
जब जिस का जी भर गया,
सब ने सब को यु ही बेकदर कर छोड़ा!!
Monday, 13 May 2019
तेरी याद मेरे संग पाँव पाँव चली,
तेरे गाँव मेरे शहर जब जब चली,
तेरी याद मेरे संग पाँव पाँव चली,
घर से अकेले निकली तो तजुर्बा हुआ,
वो छाँव भी क्या जो तेरे बगैर धूप सी गुज़री!!
Painting by Taechong
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