Wednesday, 19 February 2020
Sunday, 29 December 2019
Monday, 16 December 2019
सिर्फ एक आधे से चाँद की ख्वाहिश में,
सिर्फ एक आधे से चाँद की ख्वाहिश में,
जाने कितने उजाले पीछे छोड़ आई हो!!
Sunday, 24 November 2019
बाँधी मन की मन से डोर है ( A poem on self love)
बाँधी मन की मन से डोर है,
जिस ओर ले चले ये राहों,
वही अब छोर है,
दिल में ज़ज़्बातो का कुछ शोर है,
अभी इस राह मे कुछ और मोड़ है!!
है गुल पे लिपटी जो ये तितलियां ( Poem on love of butterflies)
तुम क्या जानो इन की हस्तिया,
है गुल पे लिपटी जो ये तितलियां,
इन की अपनी है बस्तिया,
ये जानती है फूलो मे खुशबू है क्या!!
Subscribe to:
Posts (Atom)