Saturday, 17 November 2018

आँखों में समन्दर है ( Ocean in Her Eyes)

उफ़ से आह तक का सफर भी अजीब है,
पलकों को बिन भिगोये,
आँखों में समन्दर है,
जो जल गया मेरे अंदर ही,
वो कुछ राख है,
कुछ अँधेरा है,
बह गया जो बारिशो सा,
कुछ सुकून है,
कुछ अंदर बचा खुचा एक और समन्दर है||



Image courtesy : Ocean in her eyes (Margaryta Verkhovets Poland). 

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