Saturday, 19 January 2019
Saturday, 29 December 2018
ये मलाल है,
ये मलाल है,
किसी शहर में तन्हा नहीं रहने देते,
ये हमसफ़र को हमसफ़र भी नहीं होने देते
हज़ार आरज़ू दफ़न कर भी दो,
चंद इंसान -इंसान को सफर का नहीं होने देते,
मुलाकातें बहुत होंगी यूँ तो इस सफर मे,
कुछ सफर रास्तों को हमसफर नहीं होने देते,
ये इंसान है,
इंसान को कही का नहीं छोड़ते,
मिल जाए ज़मीन तो,
सर पे आसमान नहीं छोड़ते,
मिल जाए आसमान तो,
पैरों तले ज़मीन नहीं छोड़ते!! ( M.S)
Image Courtesy : Lack Of Love by Carolyn LeGrand
ये हमसफ़र को हमसफ़र भी नहीं होने देते
हज़ार आरज़ू दफ़न कर भी दो,
चंद इंसान -इंसान को सफर का नहीं होने देते,
मुलाकातें बहुत होंगी यूँ तो इस सफर मे,
कुछ सफर रास्तों को हमसफर नहीं होने देते,
ये इंसान है,
इंसान को कही का नहीं छोड़ते,
मिल जाए ज़मीन तो,
सर पे आसमान नहीं छोड़ते,
मिल जाए आसमान तो,
पैरों तले ज़मीन नहीं छोड़ते!! ( M.S)
Image Courtesy : Lack Of Love by Carolyn LeGrand
अब वक़्त कहा है,
अब वक़्त कहा है,
की तुमको फिर से तलाशे,
जो खोजै हर वक़्त तुझ में,
क्यों न अब खुद में ही तराशे!!
Image courtesty : RON Ron Klotchman
( Time is on Their Side)
की तुमको फिर से तलाशे,
जो खोजै हर वक़्त तुझ में,
क्यों न अब खुद में ही तराशे!!
Image courtesty : RON Ron Klotchman
( Time is on Their Side)
मेरी माँ ( My Mother)
माँ से लिपट के रो लूँ इतना कभी,
उस को रुलाया है जितना मैंने कभी,
यु तो कभी कोई शिकवा नही मुझे उन से,
जी भर के दिया है जो भी माँगा उन से कभी,
बाबा की मार से,
बाबा की डाट फटकार से,
चुपके से खुद में छुपाया मुझे कही,
अब जिंदगी दौड जो रही है,
पीछे छूट गयी है मेरी माँ कही,
बच्चो ने बसा ली है अपनी अपनी दुनिया नयी,
मेरी भोली मासूम सी अम्मा,
छूट गयी है इस बड़े से घर मे अकेली कही,
लो फिर से थाम लूँ उनका हाथ वही,
चलना जो सीखा था उन के हाथ सही,
चलो फिर से ढूँढ लूँ,
मेरी माँ में खो गयी है जो लड़की कही,
पुरानी फोटोज में,
हस्ती खेलती लड़की की सूरत है,
वही मेरी माँ की असली सूरत है,
उन की नज़र भी तो उतारु कभी,
लेती रहती है हर वक़्त जो बलाये मेरी!! (M.S).
उस को रुलाया है जितना मैंने कभी,
यु तो कभी कोई शिकवा नही मुझे उन से,
जी भर के दिया है जो भी माँगा उन से कभी,
बाबा की मार से,
बाबा की डाट फटकार से,
चुपके से खुद में छुपाया मुझे कही,
अब जिंदगी दौड जो रही है,
पीछे छूट गयी है मेरी माँ कही,
बच्चो ने बसा ली है अपनी अपनी दुनिया नयी,
मेरी भोली मासूम सी अम्मा,
छूट गयी है इस बड़े से घर मे अकेली कही,
लो फिर से थाम लूँ उनका हाथ वही,
चलना जो सीखा था उन के हाथ सही,
चलो फिर से ढूँढ लूँ,
मेरी माँ में खो गयी है जो लड़की कही,
पुरानी फोटोज में,
हस्ती खेलती लड़की की सूरत है,
वही मेरी माँ की असली सूरत है,
उन की नज़र भी तो उतारु कभी,
लेती रहती है हर वक़्त जो बलाये मेरी!! (M.S).
Image courtesty : Catherine Rose
Friday, 7 December 2018
Tuesday, 27 November 2018
ये मिट्टी के पुतले ये बुत , ( Human Effigies)
जब इंसान शीशे सा टूटता है,
चाहने वालो को भी बड़ा मामूली सा लगता है,
ये मिट्टी के पुतले ये बुत ,
ये सब इंसान है,
औकात से थोड़ा ज्यादा मिलेगा,
तो खुद की औकात भी बताएंगे,
अभी जो थोड़ा बहुत इधर उधर बिखरे हो,
ये तेरा ही वजूद मिटा के,
तुझे ही दोषी बताएंगे||
Image Courtesy : Painting by Piotr Figiel from Poland.
Wednesday, 21 November 2018
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