Saturday, 17 November 2018

आँखों में समन्दर है ( Ocean in Her Eyes)

उफ़ से आह तक का सफर भी अजीब है,
पलकों को बिन भिगोये,
आँखों में समन्दर है,
जो जल गया मेरे अंदर ही,
वो कुछ राख है,
कुछ अँधेरा है,
बह गया जो बारिशो सा,
कुछ सुकून है,
कुछ अंदर बचा खुचा एक और समन्दर है||



Image courtesy : Ocean in her eyes (Margaryta Verkhovets Poland). 

सपना आँखों मे जलता है

                  तलाश पूरी हुई जब भी लगता है,
                  पीछे छूटता एक और सपना आँखों मे जलता है



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तन्हाई ( Loneliness)

                  तन्हाई थी तो लगता था पूरी हूँ,
                  अब सब कुछ है पर लगता है तनहा हूँ||

Image courtesy : Loneliness by Felix Nussbaum Art Reproduction

Wednesday, 14 November 2018

पहली मर्तबा कुछ हाथ छूटे है


कुछ पुराने दोस्त,
कुछ पुराने रिश्ते,
जिन से नातें टूटे है,
की अब मशरूफ रहो तुम भी,
मशरूफ रहे वो भी,
कोन सा पहली मर्तबा कुछ हाथ छूटे है||


खुद से रूठ के खुद मान जाना


               रिवायत थी खुद से रूठ के खुद मान जाने की,
               जो खोया था उसे फिर ढूंढ लाने की,
               सब कुछ खोया भी,
               सब कुछ पाया भी,
               पर जो खो गया वो पाया नहीं,
               जो पाया वो खोया ही नहीं!

                   




Tuesday, 13 November 2018

               ट्रैन के पीछे भागती बाबा की छोटी सी गुड़िया,
               अब शहर छोड़ के जब भी जाती है,
               बाबा की बड़ी सी गुड़िया,
               सब यादें और बचपन स्टेशन पर ही छोड़ जाती है,
               बाबा की छोटी सी गुड़िया,
               नए शहर के स्टेशन पर,
               छोटे से मुन्ने की,
               बन जाती है समझदार सी मम्मा||

Those little Hands

With a gentle kiss on his brow,
Gently when he holds his hands now,
His self tamed heart vow,
I Will hold his hands till my breathe allow,
You are a miracle to whom I bow,
Taking care of you best is god's will I know,
So fearless and free I will let you grow.